हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने भी अग्निपथ योजना के तहत रिटायर होने वाले युवाओं को राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सेवाओं में अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की. सीएम ने अफसरों को योजना तैयार करने के लिए कहा है. इसके अलावा, एक कौशल विकास योजना भी तैयार की जा रही है. अग्निवीर योजना पर देशव्यापी राजनीतिक विवाद चल रहा है. इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि वो अग्निवीरों को राज्य सेवाओं में शामिल करने और उनके सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं.
सीएम धामी ने कहा कि चार साल सेना की नौकरी के बाद वापस आने वाले अग्निवीर अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर आशंकित न रहें। इसके लिए ठोस योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। कह कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। यहां के युवा बड़े पैमाने पर भारतीय सेना में भर्ती होते हैं। लिहाजा, सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर्ड जवानों को नियोजित करने में राज्य सरकार अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। सैनिक कल्याण विभाग इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है। कहा कि इस दिशा में हमारी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीर योजना लाए जाने के बाद उन्होंने सेना के अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों, जवानों तथा अन्य लोगों के साथ बैठक की थी और 15 जून 2022 को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर घोषणा की थी कि उनकी सरकार पुलिस समेत राज्य के अन्य विभागों में देश सेवा करके आने वाले अग्निवीरों को समायोजित करेगी और उन्हें प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के लिए आरक्षण का भी प्रावधान किया जाएगा। धामी ने कहा कि इसके लिए अगर कोई अधिनियम बनाना जरूरी होगा तो उसका एक प्रस्ताव मंत्रिमंडल में लाकर उसे विधानसभा में भी रखा जाएगा ।
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