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लक्षद्वीप को मालदीव जैसी पहचान दिलाने की तैयारी, केंद्र सरकार शुरू करेगी आठ बड़ी परियोजनाएं

लक्षद्वीप: भारत का लक्षद्वीप द्वीपसमूह, जो अपनी खूबसूरती में मालदीव और बाली जैसे समुद्र तटों से किसी मायने में कम नहीं है, अब देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और इसे पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए आठ बड़ी परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बनाई है।

लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और उनके मालदीव दौरे के बाद सोशल मीडिया पर दोनों जगहों की तुलना शुरू हो गई थी। मालदीव के नेताओं की कुछ विवादास्पद टिप्पणियों ने इस चर्चा को और बढ़ावा दिया। इस बीच, लक्षद्वीप में छुट्टियां बिताने वाले पर्यटकों ने कनेक्टिविटी और भारी लागत की शिकायतें कीं।

परियोजनाओं की रूपरेखा
CNN-NEWS18 की रिपोर्ट के अनुसार, लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने और मालदीव जैसे देशों को टक्कर देने के लिए केंद्र सरकार निम्नलिखित परियोजनाएं शुरू करने जा रही है:
कवरत्ती, अगत्ती, और मिनिकॉय द्वीपों पर बड़े जहाजों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
कल्पेनी, कदमथ और एंड्रोथ द्वीपों पर यात्री सुविधा केंद्र और आधुनिक लैंडसाइड सुविधाओं का विकास होगा।
कल्पेनी और कदमथ द्वीपों पर क्रूज जहाजों के संचालन के लिए ओपन जेटी का निर्माण किया जाएगा।

303 करोड़ रुपये की पहली परियोजना
कदमथ द्वीप पर जेटी और लैंडसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 4 दिसंबर को निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इस पर 303 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।
एक मल्टीमॉडल जेटी विकसित की जाएगी जो लक्षद्वीप के सभी द्वीपों के यात्री जहाजों को संभालने में सक्षम होगी।
यह परियोजना यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देते हुए लक्षद्वीप की कनेक्टिविटी को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर
परियोजनाओं के माध्यम से लक्षद्वीप में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
बंदरगाह और शिपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से पूरे साल बिना किसी बाधा के पर्यटकों का आवागमन संभव होगा।
कार्गो हैंडलिंग की क्षमता बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

लक्षद्वीप का सुनहरा भविष्य
इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद लक्षद्वीप पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान हासिल करेगा। केंद्र सरकार का यह कदम न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि स्थानीय निवासियों की जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा।

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