उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली और बुधवार दोपहर के बाद चमोली जिले के कई इलाकों में अचानक मौसम बिगड़ गया। तेज बारिश और ओलावृष्टि के साथ आई इस प्राकृतिक आफत ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं। थराली क्षेत्र में तीन घंटे की लगातार मूसलधार बारिश से नदियां-नाले उफान पर आ गए और कई रास्ते मलबे से भर गए।
थराली के एक गधेरे में अचानक आए मलबे ने वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे कई गाड़ियां दब गईं। राहत की बात रही कि कार में बैठे लोग समय रहते बाहर निकलने में सफल रहे। बारिश का पानी और मलबा थराली के अस्पताल तक पहुंच गया, जिससे वहां भी अफरा-तफरी मच गई और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
लगातार बारिश के चलते सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, अचानक आई इस आपदा ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है।
उधर, कर्णप्रयाग, सिमली और गौचर सहित पिंडरघाटी क्षेत्र में भी दोपहर बाद तेज हवाओं, बारिश और ओलावृष्टि ने दस्तक दी। जहां एक ओर इससे गर्मी से राहत मिली, वहीं खेतों में खड़ी सब्जियों और फलों को भारी नुकसान पहुंचा। तेज आंधी के चलते कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे रात के समय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
गैरसैंण के दिवालीखाल, भराड़ीसैंण, महरगांव और कुंजापानी जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में भी तेज बारिश दर्ज की गई। लगातार बदलते मौसम के इस मिजाज ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि स्वास्थ्य और आपात सेवाएं भी चरमराती नजर आईं।
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