चारधाम यात्रा 2025 के लिए व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। पहले ही दिन ऑनलाइन पंजीकरण करने वाले 15 चालकों में से दो को ग्रीन कार्ड जारी किए गए। यह कार्ड केवल उन्हीं व्यावसायिक वाहनों को दिया जा रहा है जो तय मानकों पर खरे उतरते हैं।
इस बार परिवहन विभाग ने सुरक्षा के लिहाज से नियमों को और कड़ा किया है। खासतौर पर उन व्यावसायिक चालकों के लिए जो दूसरे राज्यों से आ रहे हैं। उन्हें हरिद्वार बाईपास स्थित एआरटीओ कार्यालय में बने ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर ‘हिल एंडोर्समेंट टेस्ट’ देना होगा। इस टेस्ट में सफल होने के बाद ही चालक को पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी।
ग्रीन कार्ड के बाद ही ट्रिप कार्ड जारी किया जाएगा, जिससे वाहन चारधाम रूट पर जा सकेगा। इस प्रक्रिया की शुरुआत एआरटीओ कार्यालय में पूजा-अर्चना के साथ आरटीओ और नोडल अधिकारी संदीप सैनी ने की।
वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने से पहले उनकी तकनीकी जांच की जाती है। इसमें टायरों की स्थिति, ब्रेक, वाइपर जैसे जरूरी सुरक्षा उपकरणों की जांच शामिल है। भले ही ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है, लेकिन वाहन की फिटनेस जांच के लिए उसे एआरटीओ कार्यालय में लाना अनिवार्य है।
लंबे सफर से आने वाले चालकों के लिए विश्राम की व्यवस्था भी की गई है। उन्हें पहाड़ी यात्रा शुरू करने से पहले आधे से एक घंटे तक विश्राम दिया जाएगा ताकि नींद या थकान के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। यह कदम पिछले साल रुद्रप्रयाग में हुई एक दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिसमें एक वाहन बिना ग्रीन कार्ड के था और पर्यटन स्थल की ओर जा रहा था। इस हादसे के बाद कई कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया था।
आरटीओ अनीता चमोला ने स्पष्ट किया कि चाहे वाहन चारधाम धामों की ओर जा रहे हों या पर्यटन स्थलों की ओर—हर व्यावसायिक वाहन के लिए ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
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