मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि चारधाम में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए वीआईपी दर्शन पर रोक बढ़ा दी जाए। यह रोक 31 मई तक रहेगी। इस दौरान केवल वही लोग वीआईपी दर्शन कर सकेंगे, जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा। इस बाबत सीएस राधा रतूड़ी भी अन्य राज्यों को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चारोंधामों में प्रतिदिन के लिए जो क्षमता निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए भेजे जाएं। रजिस्ट्रेशन की व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं का चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन होने पर ही चेक प्वाइंट से आगे जाने दें।
मुख्यमंत्री ने परिवहन, राजस्व व पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से चेक पोस्ट पर जांच के निर्देश दिए। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही दर्शन के लिए आने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा व्यवस्था से संबंधित सभी जानकारी आमजन तक स्पष्ट रूप से पहुंचाई जाए। भीड़ प्रबंधन और यात्रा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यात्रा से संबंधित जिस भी आवश्यक व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उसका तत्काल समाधान किया जाए। बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, डा पंकज कुमार पांडेय और आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय उपस्थित थे।
इसी के साथ उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारों धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी/सोशल मीडिया के लिए रील बनाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी दिया। उन्होंने यह आदेश सचिव पर्यटन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और संबंधित जिलों के डीएम और एसपी को दिया है। चारधाम यात्रा पूरे चरम पर चल रही है। सीएस ने कहा, इस बार बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में अबकी बार दोगुने श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं।
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