उत्तराखंड में चार धामों में उमड़ी तीर्थयात्रियों की अप्रत्याशित भीड़ तथा यात्रा मार्गों पर लग रहे जाम को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले वाहनों को ऋषिकेश में ही रोक दिया है। इसके अलावा ऑफलाइन पंजीकरण भी रोके गए हैं, जिससे ऋषिकेश में तीर्थयात्रियों का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। ऋषिकेश में फंसे यात्री तथा परिवहन व्यवसायियों का सब्र भी अब जवाब देने लगा है। शुक्रवार को परिवहन व्यवसायियों तथा तीर्थयात्रियों ने ट्रांजिट कैंप स्थित यात्रा प्रशासन संगठन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि सरकार तथा प्रशासन की नाकामी के चलते तीर्थ यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
कैबिनेट व उत्तरकाशी जनपद के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के संबंध में स्थानीय प्रशासन से वार्ता की है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से कहा है कि यात्रा व्यवस्थित रहे इसके लिए कोई भी श्रद्धालु बिना दर्शन कर वापस न जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। प्रेस में जारी एक बयान में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उनके प्रभारी जनपद उत्तरकाशी के पवित्र धाम गंगोत्री और यमुनोत्री में पिछले दिनों श्रद्धालुओं के बिना दर्शन कर लौटने की जानकारी मिली। जिसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने स्थानीय प्रशासन से वार्ता की है। कहा है कि चार धाम यात्रा अपने चरम पर है। ऐसे में किसी भी श्रद्धालु को बिना दर्शन कर लौटने न दिया जाए।
ट्रांजिट कैंप में कई यात्री 11 मई से हैं। अब उनका सब्र जवाब देने लगा है। ग्वालियर के मुल्लू सिंह ने बताया कि वह 50 लोगों के साथ ट्रांजिट कैंप में 11 मई को पहुंच चुके थे। लेकिन आज तक उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। उनका यात्रा शेड्यूल 12 मई से 22 मई तक का था। लेकिन अब 19 मई तक रजिस्ट्रेशन ही नहीं होगा। उत्तराखंड प्रशासन की कमी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। ग्वालियर मध्य प्रदेश की ममता जैन ने बताया कि वह अपने पति के साथ चारधाम यात्रा के लिए आई है। 13 मई का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन था। लेकिन ट्रांजिट कैंप में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें कहा कि यह रजिस्ट्रेशन मान्य नहीं है। इसलिए आप नहीं जा सकते। ममता ने कहा कि उनके अन्य साथी यात्रा पर जा चुके हैं। लेकिन उन्हें जबरन रोक दिया गया है। ममता ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी दिखाया।
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