हेमकुंड यात्रा को लेकर गुरुद्वारे की टीम हेमकुंड साहिब पहुंच चुकी है। यह टीम यात्रा के दौरान लंगर, अरदास सहित अन्य यात्री व्यवस्थाओं को कपाट खुलने से पहले इंतजाम पूरा कर देगी। सेना पहले से ही हेमकुंड में रहकर बर्फ हटाने का काम कर चुकी है। हेमकुंड साहिब यात्रा का आगाज 22 मई को ऋषिकेश से पंचप्यारों की अगुवाई में होगी। यात्रा के शुरुआती दिनों में प्रतिदिन 3500 यात्री ही दर्शन कर सकेंगे। बर्फ पिघलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या पर फिर से विचार किया जाएगा। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
बता दें कि 22 मई को पंज पयारों की अगुवाई में राज्यपाल एवं संत समाज द्वारा ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब यात्रा का आजाग किया जाएगा। दो दिन पहले जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब का पैदल निरीक्षण किया था। जिसके बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या तय की है। गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि फिलहाल घोड़े-खच्चर हेमकुंड से अटलाकोटी हिमखंड तक ही जाएंगे । यहां से आगे यात्रियों को पैदल ही यात्रा करना पड़ेगी। अटलकोटी हिमखंड में पगडंडी बनाकर रास्ता सुचारु किया गया है।
बर्फ पिघलने के साथ इस रास्ते पर हिमखंड काटकर बैठाना का कार्य जारी रहेगा। यहां पर एसडीआरएफ की आवाजाही में देखरेख होगी। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में कपाट खुलने को लेकर गुरद्वारे की टीम हेमकुंड पहुंच चुकी है। सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह लिंक https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। जिस्ट्रेशन की सीमा निर्धारित है। यह व्यवस्था यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है।
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