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उत्तराखंड: 53 हजार दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत, दिवाली से पहले मिलेगा पूरा बकाया

दीपावली से पहले सरकार राज्य के लगभग 53 हजार दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य और प्रोत्साहन राशि के लंबित 18.39 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान कर देगी। पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोमवार को सचिवालय के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस राशि में दुग्ध मूल्य का 12.50 करोड़ और दुग्ध प्रोत्साहन राशि का 5.89 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है। सरकार दुग्ध उत्पादकों को चार रुपये प्रति लीटर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देती है। यह घोषणा विस की केदारनाथ सीट के उपचुनाव को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिले में प्रभावी नहीं होगी।

कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने कहा कि डेयरी विकास विभाग के अंतर्गत आंचल ब्रांड के दूध व दुग्ध उत्पादों के प्रति विश्वास बढ़ा है। सरकार ने पिछले ढाई साल में दूध के दाम को आठ से 11 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाया है, जबकि पूर्व में यह बढ़ोतरी एक से सवा रुपये के बीच होती थी। दुग्ध उत्पादक अब आंचल के जरिये दुग्ध की बिक्री को प्रोत्साहित हो रहे हैं। आज बाजार में आंचल के लगभग 23 उत्पाद हैं। दुग्ध संघों का सालाना टर्न ओवर दो साल में 20.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 43.78 करोड़ पहुंच गया है। लाभांश भी 2.71 करोड़ से बढ़कर 7.23 करोड़ हो गया है।

उन्होंने बताया कि आंचल के कई नए उत्पाद बाजार में लांच किए गए हैं। आंचल की मिठाई को भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इस बार एक करोड़ की मिठाई की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि आंचल के सभी उत्पाद मिलावट से परे हैं। इनमें पूरी तरह शुद्धता है। आंचल के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इस बार देहरादून, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, चंपावत व चमोली जिलों में दीपावली मेलों का आयेाजन किया जा रहा है। गंगा गाय योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की परिस्थितियों और किसानों की मांग के अनुरूप योजना में गाय व भैंस खरीदने के मानकों में बदलाव किए गए हैं। चारे पर भी सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत की गई है। भूसे पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।

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